khabre

शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2010

.....jaari h

अब सवाल ये उठता हैं  या तो वो लोग जो ऐसा कर रहे हैं  एक साजिश कर रहे हैं या फिर  वो बीमार हो गए हैं
और अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं या फिर राजनीती में मात खाए हुए शेर की तरह हो गए हैं जिन्हें अपना वर्चस्व साबित करने के लिए अब इन तुच्च्ही बातो का सहारा लेना पद रहा हैं.
वो आदमी भी क्या हैं  जो कीसी के अच्हे काम की भी सराहना न कर सके. अब वो सचिन के बारे में भी ये कहते हैं की उन्होंने महारास्त्र के लिए क्या किया हैं या फिर महारास्त्र में उनका कोई योगदान नहीं हैं और अगर कुछ हैं भी तो  सिर्फ  इतना हैं की वो मुंबई में रहकर इंडिया का राग अलापते हैं जैसे उन्होंने ये कहकर एक बड़ी भारी गलती कर दी की भारत के लिए खेलना हमेशा एक गर्व की बात हैं
ये बात नही हैं के वो इन घटिया मानसिकता वाले लोगो का जवाब नही दे सकते.............
जारी हैं

बुधवार, 3 फ़रवरी 2010

ye kya ho rha h

क्या आज हम सब एक लोकतंत्र देश में जी रहे हैं?
ये वो सवाल जिसका जवाब आज तलासने की जरुर महसूस हो रही हैं.

जरा धयान दीजिये आजकल की खबरों पर क्या चल रहा ह देश में.
आज भाषा के नाम पर, क्या गलत सन्देश दिए जा रहे हैं.
जो लोग देश के लिए कुछ  अलग काम करते हैं और अपनी जिन्दगी को भी देश को समर्पित करते ह उन्हें देश का कोहिनूर समझा जाता हैं
फिर कभी अगर उनके जीवन में वो पल आये की उनको अपनी देश निष्ठा को साबित करने के लिए भी सबूत देने पड़े वो भी ऐसे लोगो के कहने पे जिनका कोई आधार नही हैं तो ऐसे लोगो के मन पर क्या बीत रही होती हैं ये अंदाज़ा तो सिर्फ वो ही लगा सकते है न
.
आशा हैं की आप अब तक मेरा आशय समझ गए होंगे .
जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ उन तमाम लोगो की जो कला, खेल, और अन्य उन क्षेत्रो से जुड़े ह जिनसे लाखो लोगो को हर्ष और ख़ुशी मिलती हैं
और साथ ही उनके लाखो पर्शसक उनके लिए आखे बिछाये रखते हैं. 
जी हाँ में बात कर रहा हु अमिताभ बच्चन, शाहरुख़ खान, सचिन तेंदुलकर,और उन तमाम लोगो की जो अपने क्षेत्र में देश का पर्तिनिधितव करते हैं?

कुछ  दिन पहले आपने देखा की कैसे बिग बी ,तेंदुलकर आदि पर व्यक्तिगत व्यंग्य और उनको अपमानित किया गया. 
कुछ  को तो माफ़ी भी मांगनी पड़ी उस चीज़ के लिए जिसमे उनकी गलती नही थी
में आप सभी से पूछता हु की क्या अपने भारत में जहाँ की रास्त्र भाषा हिंदी 
हैं में हिंदी बोलना भी एक जुर्म हैं?

जारी रहेगा अगली बार  के लिए 
आज सिर्फ इतना ही....
संजीव राणा 
हिंदुस्तान