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बुधवार, 2 जून 2010

अलविदा दोस्तों ..............................................अलविदा ब्लोग्वानी

आप लोगो के दिए हुवे प्यार से मैं पूरी तरह से अभिभूत हूँ .
पर क्या करू कुछ निजी कारणों से मुझे ब्लोग्वानी को अलविदा कहना पड़ रहा हैं .
और अलविदा कहना पड़ रहा हैं उन तमाम दोस्तों से की जिनके प्यार और परामर्श के कारण पिछले छह: सात महीने कैसे बीत गए पता ही नही चला मुझे.



और आज मेरा ये अंतिम अलविदा लेख हैं 
आप लोगो के लिए भी यही  दुआ करूँगा 
की आप लोगो की ऐसे ही प्यार भरी बातें और नौक 
झोक चलती रहे, पर संजीदगी के साथ .
और आप इसी तरह से गुलाब की तरह एक माला में जुड़े रहे 
.
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कभी भी आप नकारात्मक सोच ना पाले अपने दिमाग में 




हमेशा ताजगी से भरे रहे 






और महकाते रहे ब्लोग्वानी को अपनी  श्रेष्ठ रचनाओं से 








हर तरह के रंगों से , मतलब कभी हंसी की 
रचनाओ से तो कभी भावनाओ से परिपूरण रचनाओं से 







भगवान ने चाहा  तो फिर किसी मोड पे मुलाकात होगी .
और यकीन मानिए जब कभी वापसी करूँगा तो 
यही प्यार और ऐसी ही भावनाओं के साथ .


संजीव राणा


हिन्दुस्तानी