khabre

बुधवार, 18 अगस्त 2010

वाह क्या खूब बरस रहा हैं बादल

आज सुबह मौसम काफ़ी खुशगवार हो गया . सुबह जैसे तैसे  भीगते भीगते  कुरुक्षेत्र विशवविद्यालय पहुंचा . हैरत की बात ये हैं की कुरुक्षेत्र में बरसात नही हैं केवल विशवविद्यालय के आसपास ही बारिश हो रही हैं . अभी तो नये हैं भाई इस जॉब में . जो भी हो समय पे तो पहुंचना ही पड़ेगा .
फिर देखते हैं कब तक सरकारी की मोहर लगती हैं हमारी आदतों पर भी . कौशिश तो करेंगे भाई की ये रंग ना चढ़े .
और ब्लॉग से फिर से जुड़कर काफ़ी अच्छा लग रहा हैं.
फिर से अपने ब्लॉग जगत के दोस्तों से विचारों के आदान- प्रदान का इच्छुक हूँ.
समय कम हैं लेकिन कौशिश करूँगा की ज्यादा से ज्यादा कमेन्ट करू अपने दोस्तों के लेखो और कविताओ पर .
इसी सोच के साथ
आज के लिये सिर्फ इतना ही.
आपका
संजीव राणा
हिन्दुस्तानी

सोमवार, 16 अगस्त 2010

आप कैसे हो दोस्तों ? ......... मैं फिर से ब्लॉग जगत में आ गया हूँ.

मैंने कुछ महीने पहले आप लोगो से अलविदा कह दिया था कुछ नीजी कारणों के चलते. हुआ यू था की मैंने कुरुक्षेत्र विश्विदालय में क्लर्क की जोब के लिये अप्लाई किया हुआ था और अब मुझे वो जॉब मिल गई हैं .
पर अब समय की बहुत कमी हैं इसलिए मैं महीने में एक या दो बार ही अब ब्लॉग में आ पाऊंगा .
ये मेरा अंतिम लेख था,
http://sanrana.blogspot.com/2010/06/blog-post.html


हा मैं कौशिश करूँगा की लेख लिखू या ना लिखू  पर आप लोगो की पोस्ट पे कमेन्ट जरुर करूँगा.
संजीव राणा
हिन्दुस्तानी