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बुधवार, 2 जून 2010

अलविदा दोस्तों ..............................................अलविदा ब्लोग्वानी

आप लोगो के दिए हुवे प्यार से मैं पूरी तरह से अभिभूत हूँ .
पर क्या करू कुछ निजी कारणों से मुझे ब्लोग्वानी को अलविदा कहना पड़ रहा हैं .
और अलविदा कहना पड़ रहा हैं उन तमाम दोस्तों से की जिनके प्यार और परामर्श के कारण पिछले छह: सात महीने कैसे बीत गए पता ही नही चला मुझे.



और आज मेरा ये अंतिम अलविदा लेख हैं 
आप लोगो के लिए भी यही  दुआ करूँगा 
की आप लोगो की ऐसे ही प्यार भरी बातें और नौक 
झोक चलती रहे, पर संजीदगी के साथ .
और आप इसी तरह से गुलाब की तरह एक माला में जुड़े रहे 
.
.
.





कभी भी आप नकारात्मक सोच ना पाले अपने दिमाग में 




हमेशा ताजगी से भरे रहे 






और महकाते रहे ब्लोग्वानी को अपनी  श्रेष्ठ रचनाओं से 








हर तरह के रंगों से , मतलब कभी हंसी की 
रचनाओ से तो कभी भावनाओ से परिपूरण रचनाओं से 







भगवान ने चाहा  तो फिर किसी मोड पे मुलाकात होगी .
और यकीन मानिए जब कभी वापसी करूँगा तो 
यही प्यार और ऐसी ही भावनाओं के साथ .


संजीव राणा


हिन्दुस्तानी 

43 टिप्‍पणियां:

  1. आप तो खुशियां बांटने निकले थे संजीव भाई। फिर अचानक यह सब?

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  2. भईया जी.....चुपचाप चले जाते तो जा सकते थे...पर अब जाना मुश्किल होगा....

    कुंवर जी,

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  3. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  4. मुझे तो वो अमिताभ जी का एक गीत याद आ रहा है.."मेरे पास आओ मेरे दोस्तों एक किस्सा सुनाऊं..."

    और वो अंतिम पंक्ति..."ये जीना भी कोई जीना है लल्लू..."

    मतबल यूँ बावले bhai.......
    दिमाग में तो कलम खूब चलेगी...
    हर बात ब्लोग्वानी को या पता नहीं तुझे छलेगी...
    कमेन्ट तो चल कर ही दूं...
    इसके लिए उंगलिया मचलेगी....

    फिर ये जाना भी कोई जाना है लल्लू..

    कुंवर जी,

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  5. आशा का आपका वह निजी कारण जल्द दूर हो जाये और आप दुबारा हमलोगों के बीच ब्लॉग लेखन के जरिये उपस्थित रहें |

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  6. संजीव जी इसे "अंतिम अलविदा लेख" क्यों कहते हो मित्र? आखिर ऐसा क्या हुआ? वैसे . अलविदा उसे कहते हैं जिससे मिलने की आशा ही ना हो, फिर आप तो किसी मोड़ पर फिर मिलने की बात कह रहे हो. और हमें ईश्वर से उम्मीद है कि किसी तो क्या हर मोड़ पर मिलोगे. कम से कम हमारी याद तो हर मोड़ पर आएगी ही.

    आशा करता हूँ, कि आप ऐसे ही इस ब्लॉग जगत का हिस्सा बने रहें. अगर कोई परेशानी हो तो उसे अवश्य साझा करें.

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  7. वोह गीत तो अपने सुना ही होगा....

    चलते-चलते मेरे यह गीत याद रखना,
    कभी अलविदा ना कहना, कभी अलविदा ना कहना......

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  8. खुशी की तलाश में अभी-अभी फॉलोअर बना हूँ। आगे आप की मर्ज़ी।

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  9. @ गोदियाल साहब
    @ दिलीप जी
    @शाहनवाज भाई
    @कुंवर जी
    @ होनेस्टी प्रोजेक्ट डेमोक्रेसी
    @शिक्षामित्र जी



    जब कभी भी मैं ब्लोग्वानी पे वापसी करूँगा तो वो सिर्फ आप लोगो का प्यार ही होगा जो मुझे लेकर आएगा.
    आप सबका आभार तहे दिल से

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  10. @कुमार राधारमण जी

    आपने खुशी की चाहत की है तो खुशी आपको जरुर मिलेगी.
    मेरी भगवान से यही प्रार्थना हैं की वो आपको हमेशा खुश रखे.

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  11. @शाहनवाज भाईजान

    कोई खास दिक्कत नही हैं बस थोडा समय की अडचने आने वाली हैं .
    और ये जो सब हो रहा हैं वो सकारात्मक हो रहा हैं .


    आपका शुक्रिया जो आपने सुखदुख साझा करने की बात कही हैं .
    आप लोगो का प्यार हमेशा मेरे साथ रहेगा .
    और मैं कोशिश भी करूँगा की चाहे लेख न लिखू पर अगर थोड़ी सी भी गुंजाइश हुई तो मैं आप लोगो की पोस्ट पढूंगा और कम से कम अपना प्यार टिप्पणियों के रूप में हफ्ते या दस दिन में जरुर दूँगा.

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  12. संजीव भाई, मैं भी आ रहा हूं आपके पीछे पीछे। जय यात्रा।

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  13. संजीव भाई, मैं भी आ रहा हूं आपके पीछे पीछे। जय यात्रा।

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  14. संजीव जी, आपके निर्णय का स्वागत करता हूँ... जीवन की हर लड़ाई में आप सफल हों... शुभकामनाएं...!!
    वसे आपको बुकमार्क कर लिया है ताकि दुबारा पहचानने में गलती न हो.
    इन्तजार तो रहेगा ही

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  15. कोई दिक्कत नहीं है, ऐसा क्षण प्रत्येक के जीवन में आता है…। और भी काम हैं ब्लॉगिंग के सिवा इस दुनिया में…

    जब भी काम से फ़ारिग हों, वापस आईयेगा… हम लोग इन्तज़ार करते मिलेंगे…
    समस्त शुभकामनाओं सहित…

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  16. भाई जी आप दिक्‍कतो से लड़कर जीतकर जल्‍द ही आयेगे, हम आपके इंतजार मे है

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  17. इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.

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  18. @महाशक्ति जी
    @राजकुमार सोनी साहब
    @सुरेश चिपलूनकर जी


    आप लोगो का तहे दिल से शुक्रिया इस हौसलाफजाई और प्यार के लिए .

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  19. @सुलभ भाई अच्छा लगा ये जानकर की आपने मुझे बुकमार्क कर लिया हैं .

    अरे हम तो जब भी आयेंगे (अगर आये तो )तो आपको पहचान ही लेंगे प्रिय मित्र .

    आपकी हौसला अफजाई के लिए आभार .

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  20. @अविनाश वाचस्पति जी
    आपका स्वागत हैं
    चलो चलते हैं, मैं तो यही चाहूँगा की जब कभी भी मैं वापिस आऊ तो आपको पहले से ही ब्लॉगजगत में पाऊ.

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  21. @ indian citizen ji


    i will try if possible in future . thanks

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  22. हमे आपका इन्तजार रहेगा।अगर हो सके तो हमें हमारे इ-मेल पते पर अपना फोन नम्मबर जरूर भेजें।
    शुभकामनायें।

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  23. हमें भी इन्तेज़ार रहेगा भाई.. वैसे भी अब अच्छे लोग कम ही नज़र आ रहे हैं..

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  24. इतने कम समय के लिए आये थे...थोडा आराम कर लें !

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  25. इन्तजार रहेगा. व्यक्तिगत कारण निश्चित ही सर्वोपरि है. फुरसत होते ही वापस आयें और हम कहीं मददगार हो सकें तो अवश्य बतायें. सादर शुभकामनाएँ.

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  26. vese chalti train se utrna nahi chahiye

    hath paun tutne ka dar rahta he

    jaha tak meri rai he hindi blogging ki train 100% apni speed se chal rahi he mar jane ya pagal hone ka dar he


    am aap ke mangal may jivan ki kamna karte he

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  27. गलत बात है भईया , ऐा नहीं करना चाहिए आपको , अभी तो आपको बहुत खुशियाँ बांटनी हैं , लौट आना ।

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  28. साहब ये वन वे स्ट्रीट है, जो आया वापिस न गया :)

    खैर, जरूरी काम निपटा लीजिये और लिखना पढना तो चलता ही रहेगा।

    शुभकामनायें.

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  29. प्रिय संजीव ,
    वैसे तो मैं आपका बहुत धन्यवादी हूँ जो मेरे जैसे व्यक्ति के महाबोरिंग ब्लॉग को पढने का समय निकाल लेता था . अति सीमित पाठको में से एक का कम हो जाना सदमे जैसा हैं . हरदीप के माध्यम से ही थोडा आपके बारे में जाना हैं . कुछ अति महत्वपूर्ण करन ही होगा . खैर क्या किया जाये .
    ईश्वर आपको जल्दी ही दोबारा इस ब्लॉग रुपी माया में ले आये . बाकि तो सहृदय शुभकामनाये .
    --
    !! श्री हरि : !!
    बापूजी की कृपा आप पर सदा बनी रहे

    Email:virender.zte@gmail.com
    Blog:saralkumar.blogspot.com

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  30. ईश्वर करे आप व्यक्तिगत परेशानी से जल्दी उबरें और शीघ्र वापस आयें।

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  31. भाई, अतिआवश्यक कार्य तो पहले ही निबटाने पड़ते हैं, काम निबटाकर वापस आयेंगे तो हमें इंतजार करते पायेंगे।

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  32. नाम बड़े और दर्शन छोटे : छोटे नहीं खोटे हैं महाशक्ति : नीशू तिवारी के रट्टू तोते हैं http://pulkitpalak.blogspot.com/2010/06/blog-post_03.html अपनी राय देते जाना जी।

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  33. aapka intjaar rahega mitra .................!!! par abhi jaane ka dukh hai :( :( :(

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  34. जाओ यार, अपना काम निबटाकर फ़िर आ जाओ।
    अलविदा मत कहा करो, हाईबरनेशन सही शब्द है।
    इंतजार करेंगे।

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  35. जब फ़ुरसत मिले लौट आना सब मिलकर फ़िर से आपका स्वागत करेंगे।

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  36. acha hai.. jaiyye kuch dhang ka kaam kariye.. yahan khali baith kar uunghne se kuch nahi hoga

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  37. कोई बात नहीं..जब फुरसत मिले लौट आईयेगा..तब तक हम करेंगे आपका इन्तजार! इन्तजार!! इन्तजार!!!

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