khabre

बुधवार, 22 दिसंबर 2010

आज समय कम हैं इसलिए कुछ ना लिखकर सिर्फ चित्र भेज रहा हूँ आपके लिये


दोस्ती का अहसास दिल में लाकर तो देखो
किसी को एक पल के लिये ही सही
हंसाकर तो देखो
एक आवाज में ही आ जायेंगे सैंकड़ो
दूसरो के लिये खुद को मिटाकर तो देखो







1 टिप्पणी: