khabre

बुधवार, 12 मई 2010

एक पहेली - आखिर ये animation क्या दर्शाता हैं ? अपनी सोच को बताओ ?

आप क्या समझते हो इससे ?
क्या लगता हैं आपको.
अपने विचार जरुर दे.



ये आप पर छोड़ता हूँ ???






10 टिप्‍पणियां:

  1. राणा जी-मुझे तो सलीम भाई से इतना प्रेम हो गया है कि यहाँ वो ही नजर आ रहा है!

    वो गड्ढे में गिर रहा है,ऊपर से गिर रहा है,कोई लात मार के गिरा है.....

    पर वो उठता है और आगे बढ़ता है!

    हा हा हा..

    मजाक कर रहा हूँ!

    वैसे ये मस्त है....

    कुंवर जी,

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  2. मुझे तो ब्लॉगबाणी अथवा चिट्ठाजगत में ब्लोगरों द्वारा टी.आर.पी. पाने के प्रयास का सचित्र वर्णन दीख रहा है ! :)

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  3. गज़ब भैया जी कहाँ से खोज लाये???
    यही हमारी संस्कृति हो गई है आज..............बहुत खूब...........
    ====================================
    जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड

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  4. वाह! बहुत ही सुन्दर, एक चित्र के माध्यम से ज़िन्दगी की भागमभाग एक दुसरे को लतियाते हुए दर्शा दी आपने!

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  5. सब लोग कहीं से आ जा रहे हैं लेकिन ये पगड़ी वाले सज्जन केवल टांग हिला रहे हैं और अपनी जगह जमे हुए हैं।

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  6. @ गोदियाल साहब आपने ने जो कहा वो पहली नजर मे तो बिलकुल ठीक लगता हैं .
    मगर सर ऐसा कुछ नही हैं .
    मुझे किसी टी. आर. पी. का चक्कर नही हैं .
    मेरे एक दोस्त ने मुझसे ये पुछा था तो मैंने उनको बताया था की ये जिंदगी की भाग दौड का सचित्र वर्णन हैं लेकिन उसने कहा की मे गलत हूँ .

    मेरे मन मे फिर आप लोगो के विचार जानने का ख्याल आया.
    बस इतना मात्र था ये
    @दिनेश राये जी आपने जो पूछा हैं की पगड़ी वाला सज्जन कौन हैं , चलो मे बताता हूँ ये एक खुद से संतुष्ट व्यक्ति हैं .
    बाकी मे आपको बताने वाला हू की आखिर ये क्या हैं

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  7. मेरे एक दोस्त ने मुझसे ये पुछा था तो मैंने उनको बताया था की ये जिंदगी की भाग दौड का सचित्र वर्णन हैं लेकिन उसने कहा की मे गलत हूँ .


    फिर मैंने उससे पुछा की ये क्या भेज दिया आपने.
    तो उसने कहा की ये इंजीनियरिंग की जॉब करने वाले लोग हैं कुछ हैं जो गिर रहे हैं, कुछ हैं जो दूसरों को गिरा रहे हैं .
    कुछ हैं जिनको सीडिया मिल गई हैं लेकिन वो फायदा नही उठा पा रहे हैं
    और
    दिनेश जी ये जो पगड़ी पहने सज्जन हैं ये किसी अच्छी सिफारिश वाला बंद हैं जो सब देख रहा हैं क्योंकि इसको किसी बात की परवाह नही हैं.

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  8. ये जो पगड़ी वाले सज्जन टांग हिलाते हुए तमाशा देश रहे हैं कहीं देश के प्रधानमंत्री तो नहीं। बाकी लोग भागदौड़ में मरे जा रहे हैं और वे बैठे बैठे तमाशा देख रहे हैं।

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  9. मुझे तो इस एनीमेशन में पूरा का पूरा ब्लागजगत नज़र आ रहा है. लगता है आपने खुद इसे ठीक से देखा नहीं इसमें लात भी मारा जा रहा है. ऐसा ही होता है ना हमारे साफ सुथरे ब्लागजगत में भी ...

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  10. मुझे तो चूहा दौड़ लग रही है।

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