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मंगलवार, 25 मई 2010

क्या वो लोग जो विरोध कर रहे हैं ....गलत है ? आपका क्या विचार हैं

कल सुबह जैसे ही अखबार को खोला तो एक खबर से दिल खोल उठा (आप समझ ही सकते हो की फोर्टी सेवेन के तापमान में क्या हुआ होगा ). 
खबर थी दिल वालो के शहर दिल्ली से . खबर में लिखा था की केंन्द्र की कांग्रेस सरकार ने यह निर्णय लिया हैं की आगामी खेलो, जो दिल्ली में होने वाले हैं और जिसमे पूरे विश्व से खिलाडी आयेंगे को भोजन के रूप में बीफ (गौमांस ) परोसा जाएगा .
अब करनाल में गौशाला वालो ने इसका जमकर विरोध किया . उनका कहना था की गौ का हिंदू धर्म में एक पवित्र स्थान हैं .  और इसमें हिन्दुओ के सारे देवताओं का अंश होता हैं . तो हम अपनी आँखों से ये सब कैसे देखे, हम अपने होते हुए ऐसा कुछ भी नही होने देंगे .
अब आप ही बताइये क्या ये सब अपने यहाँ होने देना चाहिए . क्या सिर्फ ये गौशाला वालो का ही मुद्दा हैं .
अगर नही तो उनको अपना समर्थन दीजिए .


                 
   

" धीर हो धीरज धरने का अब नही समय रहा
उसका विरोध करो जो केन्द्र सरकार ने कहा 

अपनी संस्कृति को लोभियो के हाथो नीलाम न होने दो 
हर काम हो जाये चाहे, बस अब ये काम ना होने दो "



संजीव राणा
हिन्दुस्तानी 

33 टिप्‍पणियां:

  1. "अपनी संस्कृति को लोभियो के हाथो नीलाम न होने दो
    हर काम हो जाये चाहे, बस अब ये काम ना होने दो ""

    shukriya is baat ko sab tak pahunchaane ke liye....
    ham sab saath hai...
    kunwar ji,

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  2. इटली के ताज और रोम संस्कृति का राज है, सब झेलना पडेगा गुलामों !!

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  3. घबराइए नहीं जब लोग मुर्दे और ढोंगी हो जायेंगे तो गोउ मांस क्या एक दिन मानव मांस भी इन दुष्टों और पैसे के लोभियों द्वारा पड़ोसा जाने लगेगा /

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  4. बेशर्मी की इन्तेहाँ है, किसी भी देश के लिए सबसे अधिक आवश्यक उसके निवासियों की भावनाएं है. क्या पैसों के चक्कर में इतना गिर गाएँ है हम?

    "अपनी संस्कृति को लोभियो के हाथो नीलाम न होने दो
    हर काम हो जाये चाहे, बस अब ये काम ना होने दो "

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  5. @गोदियाल साहब
    @होनेस्टी प्रोजेक्ट डेमोक्रेसी
    @शाहनवाज जी
    @ कुंवर जी
    आप सब का स्वागत हैं .
    कुछ भी हो इसके खिलाप कुछ तो किया जाना ही चाहिए ना.

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  6. bilkul sahi aahvahan main aapke swar me swar milata hun...par iske liye karein kya...Hindu to waise bhi sone me jyada bharosa rakhte hain...aandhra me mandir toota kya hua...kuch nahi....dilli me madir toota kya hua...kuch nahi....ab gaay bhi maar di gayi to kya..

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  7. @ दिलीप जी
    आपका एक बार फिर से स्वागत हैं
    वो सब तो ठीक हैं जी लेकिन अगर ऐसे ही होता रहा तो एक दिन हम अपनी संस्कृति और धर्म को खो देंगे


    किसी ने ठीक ही कहा हैं की अगर किसी कौम को मिटाना हो तो जरुरी नही हैं की उस पर हमला किया जाये
    बस कुछ ऐसा कर दो की वो अपने इतिहास को भूल जाये और भूल जाये उस शोर्य को जो उनके धर्म में उनके पुर्वाजो ने किये थे .

    मेरा साथ इस मुहीम में देने के लिए आपका आभार.

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  8. बहुत ही घृणा की बात हैं ये
    केन्द्र सरकार की तो मति मारी गई हैं

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  9. ऐसे तो अपनी संस्कृति का ही विनाश हो जाएगा .
    शर्म आणि चाहिए ऐसे लोगो को जो ऐसे आदेश देते हैं .

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  10. इससे तो काफी गाय कटी जायेगी .
    छी.
    हम इस मुहीम में आपके साथ हैं

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  11. @पूजाजी समर्थन के लिए धन्यावाद

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  12. इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.

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  13. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  14. @फर्जीवाड़ा- कमाल कि जानकारी आपने दी.....अपनी पहचान क्यों छुपा ली!महाभारत में लिखा है क्या अपनी गन्दी पहचान छुपाकर गंद फैलाने के लिए,

    राणा जी ये टिप्पणी मिटा ही दो तो ठीक रहेगा,नाम किसी और का ब्लॉग किसी और का खुलता है...शाहनवाज भाई ना तो ऐसी टिप्पणी कर सकते,ना ही उन्हें अपनी पहचान छुपाने कि जरुरत है...

    कुंवर जी,

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  15. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  16. @ कुंवर जी
    हटा दी जी उसकी पोस्ट
    क्या जवाब देना ऐसे लोगो का जो अपनी पहचान ही छुपा बैठे हैं

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  17. उन सब से कहो जिनका ये प्रस्ताव है कि गौमांस के परोसने का स्वागत कोई भी नहीं करेगा. इस मुहिम में हम साथ हैं.

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  18. बिला वजह जनता की भावनाओं से खेलने की बात है यह तो - मगर पाप के घड़े भी ऐसी ही घटनाओं से छलकते हैं.

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  19. हमने एक से अधिक वार अपने हिन्दू भाीयों को समझाने की कोशिश की कि हमारा देश एक वार फिर सेकुलर हिनदुओं के माध्यम से संचालित मुसलिम और इसाई षडयन्त्रों का सिकार होकर गुलामी की ओर अग्रसर है पर क्या करें अधिकतर सेकुलर हिन्दू इस हद तक गिर चुके हैं कि इनका बस चले तो ये भारत में हिन्दूओं के मांस की भी ब्याबस्था कर दें बस एकवार मुसलमानों और इसाईयों द्वारा मांग करने व िनकी जेवें भरने की देर है।
    संजीब जी हम हर तरह से इसका विरोध करेंगे जरूरत हुई तो कामनबैल्थ खेलों का ही विरोध कर समस्या की जड़ को समाप्त कर दिया जाएगा।
    बस आप अपना अभियान चलाए रखें।

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  20. कुंवरजी, आपके कमेंट्स से लगता है कि किसी ने मेरा नाम लिख कर कोई गलत टिपण्णी की थी यहाँ पर? अगर ऐसा है तो मैं अवश्य है उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने के बारे में सोचूंगा.

    पता नहीं कैसे कैसे लोग हैं. मेरी आज की पोस्ट इंसानियत के समर्थन में और देह व्यापार के खिलाफ है. उसमें भी इन लोगो ने 3 नकारात्मक वोट दे दिए हैं. खैर, मैं जानता हूँ, कोई कितनी भी किसी की आवाज़ दबाना चाहे, सच्ची आवाज़ कभी दबती नहीं है.

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  21. @शाहनवाज भाई- ये टिपण्णी आपके नाम से नहीं हुई थी!पर जो नाम वहा है उस पर क्लिक करने पर आपका ब्लॉग खुल रहा है......और टिपण्णी बेहद घृणित थी....

    कुंवर जी,

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  22. संजीव राणा जी, यह तो दुर्भाग्य है.
    विरोध यहाँ नहीं हो तो कहाँ हो.

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  23. संसद में, विधानसभाओ में, पूरे देश में इसका विरोध होना चाहिए...देश की जनता को चाहिए कि आने वाले चुनाव में एसी सरकार को पूरी ताकत से हराएं..

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  24. जो सरकार भारतीय संस्कृति के नायक भगवान राम के अस्तित्व को ही नकार चुकी है उससे संस्कृति के अन्य पक्षों कि रक्षा कि उम्मीद भी कैसे कि जा सकती है!

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  25. और ये हमारी ही नपुंसकता है जो कोई सरकार अपनी जनता कि भावनाओ कि साथ इतना बड़ा खिलवाड़ करने कि हिम्मत दर्शा सकती है

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  26. जिन्हें अपने धर्म और देश पर गर्व नहीं है, वही हमारे कर्णधार बने हुये हैं। केन्द्र सरकार, दिल्ली सरकार, नगर निगम, कामनवेल्थ कमेटी ए सब ’paasing the buck' खेल रहे हैं। सब एक दूसरे पर इस बात की जिम्मेदारी डालकर अपने हाथ झाड़ रहे हैं।
    बहुत ही शर्मनाक।

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  27. ैक्या आप जानते है.
    कौन सा ऐसा ब्लागर है जो इन दिनों हर ब्लाग पर जाकर बिन मांगी सलाह बांटने का काम कर रहा है।
    नहीं जानते न... चलिए मैं थोड़ा क्लू देता हूं. यह ब्लागर हार्लिक्स पीकर होनस्टी तरीके से ही प्रोजक्ट बनाऊंगा बोलता है। हमें यह करना चाहिए.. हमें यह नहीं करना चाहिए.. हम समाज को आगे कैसे ले जाएं.. आप लोगों का प्रयास सार्थक है.. आपकी सोच सकारात्मक है.. क्या आपको नहीं लगता है कि आप लोग ब्लागिंग करने नहीं बल्कि प्रवचन सुनने के लिए ही इस दुनिया में आएं है. ज्यादा नहीं लिखूंगा.. नहीं तो आप लोग बोलोगे कि जलजला पानी का बुलबुला है. पिलपिला है. लाल टी शर्ट है.. काली कार है.. जलजला सामने आओ.. हम लोग शरीफ लोग है जो लोग बगैर नाम के हमसे बात करते हैं हम उनका जवाब नहीं देते. अरे जलजला तो सामने आ ही जाएगा पहले आप लोग अपने भीतर बैठे हुए जलजले से तो मुक्ति पा लो भाइयों....
    बुरा मानकर पोस्ट मत लिखने लग जाना. क्या है कि आजकल हर दूसरी पोस्ट में जलजला का जिक्र जरूर रहता है. जरा सोचिए आप लोगों ने जलजला पर कितना वक्त जाया किया है.

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  28. @शाहनवाज भाईजान मेरा नेट ठीक नही था इसलिए मैं जवाब नही दे पाया उस वक्त.
    मेरे पास एक टिपण्णी आई थी जिसमे काफी कुछ ऐसा लिखा था जो आपके साथ मेल नही खाता था .
    जब प्रोफाइल पे जाते थे तो आपका ब्लॉग खुलता था

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  29. @अमित भाई
    @समीर लाल समीर जी
    @ कुमार जलजला जी
    आप सभी का स्वागत हैं

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  30. @शुलभ जी
    @अजय सक्सेना जी
    @कुंवर जी
    @ सुनील दत्त जी
    @ स्मार्ट इंडियन
    आप सबका धन्यवाद

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  31. @रेखा श्रीवास्तव जी
    @माधव जी

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