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रविवार, 30 मई 2010

आवेदन कर्ता इराक में, बेटा इग्जाम में, वाह क्या बात है



कल कुरुक्षेत्र में मेरा क्लर्क का इग्जाम था . वैसे ये 
टेस्ट मैंने उस वक्त भरा था जब में स्नातक नही हुआ था .
कुरुक्षेत्र विशवविद्यालय  ने एक कीर्तिमान जरुर बनाया की
 जो इग्जाम पहले हो चुके थे और किसी कारणवश उनमे
 रुकावट आ गई थी, को उन्ही पैसो में दोबारा
 लिया गया वो भी दो तीन साल बाद .
कम से कम बेरोजगारो पे दोबारा फार्म भरने की मार 
तो नही पड़ी .

लोग सामान्य की तरह बातें करते नजर आये . कोई कह
 रहा था कि जिनको लगना   हैं वो तो सी.ऍम. साहब की 
सिफारिश से ही लगेंगे. जितने मुह उतनी बातें.
कुछ बोल रहे थे की इनमे तो वो लगेंगे जो रोहतक के होंगे .
कुछ भी कहो पूरा दिन कैसे बीत गया पता ही नही चला.

बस कुछ अजीब सी बातें जरुर हुई और उनमे से
 एक को मैं  शेयर करना चाहूँगा .


हुआ यू की एक लड़का अपने पिताजी की जगह पे इग्जाम
 देने आया हुआ था तो वो विशवविद्यालय  के कर्मचारियों के हत्थे चढ  गया.

लड़के ने कहा की उसकी इच्छा थी की उसका पिताजी ये जॉब करे .
उसके पिताजी ईराक में हैं इस वक्त .



विस्त्रीत खबर भी पढ़ लीजिए आप. 
(सोजन्य से पंजाब केसरी, हरियाणा  )


खबर एक नजर में  नीचे :-









19 टिप्‍पणियां:

  1. waah badhiya hai...pita ke prati apne kartavy hi to nibha raha tha beta...aakhir arjun nahi the to abhimanyu ne chakrvyuh todne ki chesta ki...

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  2. @दिलीप जी
    आपने सही कहा पर दिलीप जी ये आजकल के दौर में गुनाह हैं.

    कर तो वो गलत ही रहा था न.

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  3. हां मैंने भी सुबह पढ़ी थी ये खबर .
    ये मालुम नही था आपका भी इससे कोई तालुकात, मेरा मतलब आप भी वहां पर होंगे

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  4. वाह रे मेरे देश के सपूत! बेटा होना का सही फ़र्ज़ अता कर रहे थे? :-)

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  5. @दिलीप जी
    एक नजरिये से तो ये ठीक लग रहा हैं .
    पर हैं तो हैं तो गलत ही ना.

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  6. @पूजाजी
    @शंवाज भाई

    आपका स्वागत हैं .

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  7. गलत बात माने गलत बात होती है..

    _____________
    और हाँ, 'पाखी की दुनिया' में साइंस सिटी की सैर करने जरुर आइयेगा !

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  8. ismein koi shaq nahi qanoon ki nazar mein yah bahut galat baat hai...lekin na jaane kyon us ladke ko shabaas kahne ko dil kar raha hai...shayad ismein 'iraaq' kaam kar raha ho....baharhaal aapka dhnyawaad..yah baatane ki liye ki 'aisa bhi hota hai....!'

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  9. भाई साहब , दो हजार दो में भरे गए फॉर्म की परिक्षा अगर २०१० में करवाओगे तो बाप की जगह बेटा ही तो एग्जाम देगा ! उलटे बेटे को वहां के प्रशासन पर मुकदमा करना चाहिए ! एक तो प्रशासनिक जिम्मेदारियों का समय पर निर्वाह नहीं करते ऊपर से प्राथी को ही दोष !

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  10. @पी.सी. गोदियाल साहब वैसे आपका कहना भी ठीक हैं.
    फिर भी गलत हैं ना ये सब तो.
    बताइए ?

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  11. गोदियाल जी की बात में दम है....और दस साल बाद तो बेटा ही इतना बड़ा हो जाता....अजब गज़ब बात

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  12. जी क्या कोई बतायेगा कि "ठीक-गलत" है क्या...?

    वैसे गोदियाल जी ने सही कही....

    मुझे तो ये लगता है कि हमारे देश में रही-सही-पितृ-भक्ति के विरुद्ध षड़यंत्र है ये......अर्थात इसको गलत तरीके से पेश करना....

    कुंवर जी,

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  13. @संगीता स्वरुप जी
    @माधव जी
    @कुंवर जी

    आप सभी का स्वागत हैं .वैसे कुंवर जी की बात भी बिलकुल ठीक हैं .
    आज इस बात की कोई सीमा नही रह गई हैं की क्या गलत हैं और क्या ठीक.

    कोई क्या सीमा बनाएगा की किस बात को कहा तक गलत लेना चाहिए और कहा तक ठीक.

    मेरे ख्याल से आज जिंदगी उस मोड खड़ी हो गई हैं की कोई बात या तो बिलकुल ठीक या फिर बिलकुल गलत कभी कभी ही हो पाती हैं

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  14. इन सारे भ्रष्ट अधिकारीयों को निक्कमेपन के लिए जब हम लोग सजा दे पाएंगे तब जाकर ऐसी स्थिति को रोका जा सकता है ,शर्मनाक है की आज लोगों को गलत करने के लिए मजबूर किया जाता है और ये मिडिया वाले तो ज्यादातर दिमागी तौर पे पैदल हो गए है ?

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  15. @होनेस्टी प्रोजेक्ट डेमोक्रेसी
    @अमित भाई


    आपका स्वागत हैं और मैं आपसे सहमत हूँ

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